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Netaji

आंखो आंखो में कुटिल हंसी थी  मुख में था तुम्हारे गम  तुम्हारी कुछ बातों से हिंदू और मुस्लिम में बटे हम बाते  उनकी बहोत  सुहानी थी  खून मेरा भी जलती थी  चल उठा मै  भी  तलवार  लेकर  हिन्दू और मुसलिम को फिर से बाट कर  सियासत की तो आदत है लहू पीने की  वरना अमन और चैन यहाँ भी था  फिर लोकतंत्र का व्यंग्यात्म उपयोग करने वाले नेता जी का जन्म हुआ  हालत यु हुए की मऊ हुआ २००२ भी हुआ  इंसान की तो हसरत होते ह बाते भूलने की  कुछ तुम भूले कुछ मै भुला  और बटते चलेगये हम 

Hindustan

खूब हिंदू दिखे और खूब मुसलमान, जब गया मैं मयखाने को ,तब जाकर दिखा मुझे हिंदुस्तान|| hindu or musalman ak jaruri hai bhaichare ke ley to dusra jaruri hai virta ke ley her tajheb ki apne apne vesesta hote hai or har tajheb ki kami  hame aisa hona h ki ham on visestao pr dhyan de na ki kami pr pr kya kare human nature hai acchai dikhe na dikhe burai jarur dikhte hai hamko bache khuchi kasar hamare neta ji log pure kr dete hai kuch bhi ho hamara or aapka fayda outhana serf onko acche se aata h baki ka ni pata रामदीन में राम मिले  दिवाली  में  अली  दिल सच्चा हो तब हम मिले  बाकि रहम ओ गरीब  राम भी तू है अल्लाह भी तू है  फिर मई कैसे ऐतबार करू  दुनिया तुझसे भी चलती है और दुनिया मुझसे भी चलती है  बस दिल में थोड़ा सा प्यार रखु  kuch jaruri nahi is duniya me jindagi jeene k ley bas pyar or ijjat se rahna sikh jao jindagi safal ho jayge aisa kabira bhi bol gye hai

Bachpana

ए जिंदगी तू एक चमत्कार करा दे   मेरा खोया हुआ बचपन मुझको वापस लौटा दे मैं बेफिक्र रहूं पुनः उसी तरह से ऐ जिंदगी मुझको मेरा बचपन लौटा दे

इंतजार

तूती बेतहाशा इस तरह  मैंथा बेतहाश इस तरह  जैसे  मई का महीना और पानी की बूंद हम मिले थे  आयनों की तरह  खुद से टकरा  के यूं ही टूट गए के  ना कभी  नजरें मिलाना मुझसे  ना कभी  नजरें मिलाना मुझसे  आज भी छलक जाता हूं  आधे गजरे की तरह कुर्बानी तो दे दी मैंने अपनी  कुर्बानी तो दे दी मैंने  अपनी इश्क की  पर उस याद को ना दे पाया .  लम्हा लम्हा  और प्यार प्यार  लम्हा लम्हा  और प्यार प्यार  समय समय की बात है  खुशी खुशी और  आशु आशु  सूरत थी मेरी  चेहरा तेरा आईना  सूरत ही मेरी चेहरा तेरा  आईना सच्चाई देख बैठा

Mumma

तू सागर है ममता की जिसे मैं पार नहीं सकता हर दिन था यूं बेगाना जिसे मैं समझा नहीं सकता मुस्कान थी तेरे लफ़्जों पर आंखों में तेरे आंसू मै सच भी बोला होता अगर कुछ बात नया होता maa or mamata ak dusre ke purak hai ma mamta ki wo sagar hai jise par pana kise bhi bacche ke ley nahhmumkin h aap soch bhi ni sakte aapki maa aapke ley ky khwab sajakr baithe h pr jab aap kabhi bahar hote hai kise bhi halat me  aap bhale jhut bolre ho pr aapki maa ko serf aapke bato se pata chal jayga ki aapki halat kya h or sabkuch jante hue v wo aapse khus hokr bat karenge kuki wo jante hai agr wo kamjor hogye to aapka kya hoga

Felling for mother

मेरी सांसों सांसों में तेरा ही नाम ऐसा है| आंखों में नहीं दिखता यह पैगाम ऐसा है|| सारी उम्र समझता रहा, ममता ये  आंचल का| तू सागर है, ममता कि मेरा ही नाम मोती है || काबिल मै था  नही तूने  बनाया  था  मुझे  ऊँगली पकड़  कर  चलना  सिखाया  था  तूने  चला दिया उस जहा  पर  मुझको जहा की इबादत  भी  कौसो  दूर  थी  मुझसे