तूती बेतहाशा इस तरह
मैंथा बेतहाश इस तरह
जैसे
मई का महीना और पानी की बूंद
आयनों की तरह
खुद से टकरा
के यूं ही टूट गए के
ना कभी
नजरें मिलाना मुझसे
ना कभी
नजरें मिलाना मुझसे
आज भी छलक जाता हूं
कुर्बानी तो दे दी मैंने अपनी
कुर्बानी तो दे दी मैंने
अपनी इश्क की
पर उस याद को ना दे पाया
.
.
लम्हा लम्हा
और प्यार प्यार
लम्हा लम्हा
और प्यार प्यार
समय समय की बात है
खुशी खुशी और
आशु आशु
सूरत थी मेरी
चेहरा तेरा आईना
सूरत ही मेरी चेहरा तेरा
आईना सच्चाई देख बैठा
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