मेरी सांसों सांसों में तेरा ही नाम ऐसा है| आंखों में नहीं दिखता यह पैगाम ऐसा है|| सारी उम्र समझता रहा, ममता ये आंचल का| तू सागर है, ममता कि मेरा ही नाम मोती है || काबिल मै था नही तूने बनाया था मुझे ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाया था तूने चला दिया उस जहा पर मुझको जहा की इबादत भी कौसो दूर थी मुझसे
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