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Netaji

आंखो आंखो में कुटिल हंसी थी 
मुख में था तुम्हारे गम 
तुम्हारी कुछ बातों से हिंदू और मुस्लिम में बटे हम

बाते  उनकी बहोत  सुहानी थी 
खून मेरा भी जलती थी 
चल उठा मै  भी  तलवार  लेकर 
हिन्दू और मुसलिम को फिर से बाट कर 

सियासत की तो आदत है लहू पीने की 
वरना अमन और चैन यहाँ भी था 
फिर लोकतंत्र का व्यंग्यात्म उपयोग करने वाले नेता जी का जन्म हुआ 

हालत यु हुए की मऊ हुआ २००२ भी हुआ 
इंसान की तो हसरत होते ह बाते भूलने की 
कुछ तुम भूले कुछ मै भुला 
और बटते चलेगये हम 

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Felling for mother

मेरी सांसों सांसों में तेरा ही नाम ऐसा है| आंखों में नहीं दिखता यह पैगाम ऐसा है|| सारी उम्र समझता रहा, ममता ये  आंचल का| तू सागर है, ममता कि मेरा ही नाम मोती है || काबिल मै था  नही तूने  बनाया  था  मुझे  ऊँगली पकड़  कर  चलना  सिखाया  था  तूने  चला दिया उस जहा  पर  मुझको जहा की इबादत  भी  कौसो  दूर  थी  मुझसे 

इंतजार

तूती बेतहाशा इस तरह  मैंथा बेतहाश इस तरह  जैसे  मई का महीना और पानी की बूंद हम मिले थे  आयनों की तरह  खुद से टकरा  के यूं ही टूट गए के  ना कभी  नजरें मिलाना मुझसे  ना कभी  नजरें मिलाना मुझसे  आज भी छलक जाता हूं  आधे गजरे की तरह कुर्बानी तो दे दी मैंने अपनी  कुर्बानी तो दे दी मैंने  अपनी इश्क की  पर उस याद को ना दे पाया .  लम्हा लम्हा  और प्यार प्यार  लम्हा लम्हा  और प्यार प्यार  समय समय की बात है  खुशी खुशी और  आशु आशु  सूरत थी मेरी  चेहरा तेरा आईना  सूरत ही मेरी चेहरा तेरा  आईना सच्चाई देख बैठा

Bachpana

ए जिंदगी तू एक चमत्कार करा दे   मेरा खोया हुआ बचपन मुझको वापस लौटा दे मैं बेफिक्र रहूं पुनः उसी तरह से ऐ जिंदगी मुझको मेरा बचपन लौटा दे