नाह तब कमी थी नाह अब कमी है
महफ़िल तब भी हसी थी और अब भी हसी है
हसीनाओ ने मंजर बस बदला है हुस्न -ऐ -प्यार का
वरना
सपने कल भी वही थे आज भी वही है
जाती हैं तो जाने दो
बहोत है इस दुनिया में एतबार करने को
बहोत है हमसे प्यार करने को
तू खुद लोट कर आयगी एक दिन
जमाना आगे होगा हमारी परछाई रुलाएगी एक दिन
जाती है तो जाने दो बहोत है ऐतबार करने को
नाह तब कमी है नाह अब कमी है
जाती है तो जाने दो
मेरा भी मुकाम होगा एकदिन
तू भी याद कर रोयेंगे
जिस लिए छोड़ गई थे
उसके लिए भी खोयेगी
जाती है तो जाने दो बहोत है ऐतबार करने को
नाह तब कमी है नाह अब कमी है
दुआ थी मेरी उस ऊपर वाले से
नाह मिलु कभी उन पुरानी यादो से
माना वो भूल गए हर पल को
नह आये तो नाह आने दो उस पल को
जाती है तो जाने दो बहोत है ऐतबार करने को
नाह तब कमी है नाह अब कमी है
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