मैं डूबा तेरी बातों में |
सही गलत का अंदाजा ना था,
तेरे प्यार का मुझे अंदाजा ना था ||
सही गलत का अंदाजा ना था,
तेरे प्यार का मुझे अंदाजा ना था ||
क्योंकि वह प्यार नहीं हवस था
आंखों में प्यार का धोखा था ,
दोस्तों ने भी अनेक बार टोका था |
मैं मर चुका था प्यार की साहिल में ,
मुझे क्या पता था इसमें भी धोखा था ||
दोस्तों ने भी अनेक बार टोका था |
मैं मर चुका था प्यार की साहिल में ,
मुझे क्या पता था इसमें भी धोखा था ||
क्योंकि प्यार तो वह था ही नहीं हवस था
एक बात समझ में ना आया था मैं ,
तो प्यार में बह गए तेरे पास आया था |
तो प्यार में बह गए तेरे पास आया था |
क्या देखा था तूने मेरे अायनो पर,
कि तुझे सिर्फ मुझ पर हवस आया था ||
क्योंकि वह प्यार नहीं हवस था
कभी हाथ पकड़कर चलना था ,
मन मेरा भी यह करता था |
वहां छोटा-मोटा बहाना था ,
तुम्हें तो सीधे मेरे रूम को ही आना था||
क्योंकि वह प्यार नहीं हवस था ,
क्योंकि प्यार तो बहाना था ,
तुम्हें सीधे मेरे रूम को ही आना था|
मन मेरा भी यह करता था |
वहां छोटा-मोटा बहाना था ,
तुम्हें तो सीधे मेरे रूम को ही आना था||
क्योंकि वह प्यार नहीं हवस था ,
क्योंकि प्यार तो बहाना था ,
तुम्हें सीधे मेरे रूम को ही आना था|
👌👌..
ReplyDeleteNice 👍 one☺
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