एक भी अफजल निकला इस पुरे साल भर पीतल भर कर रख देंगे उस द्वार पर जब किसी दिल्ली वाले का बेटा भी बॉर्डर पर जायगा और वह भी गोली खायगा तब कश्मीर में स्वर्गसन प्रारंभ हो जायगा जब किसे नेता का बेटा बॉर्डर पर जायगा उसे भी बॉर्डर पर लड़ाया जायगा हस्ते हस्ते घर वालो को वह दो श्बद बोल चला जायगा तब दिल्ली वालो के भी आखो में आंसू आजाएगा जब किसे नेता का बेटा बॉर्डर पर जायगा ' तब एक फरमान निकाला जायगा एक के बदले में एक हजार लेकर काश्मीर को दुबारा स्वर्ग बनाया जायगा जब किसी नेता का बेटा भी बॉर्डर पर जायगा किसी पतथर बाजो के हाथो वह भी मारा जायगा दर्द बया करते हुए वो खुद को दोसी कहलायगा तब दिल्ली वालो को भी यह समझ आएगा नह वो बेटा था तुम्हारा नह वो बेटा था तुम्हारा वो बेटा था भारत माता का यह दर्द भी उनको समझ में आएगा जब किसी नेता का बेटा बॉर्डर पर जायगा और वहाँ शहादत की उपाधि पाएगा ...